चीन और ताइवान: दुनिया का सबसे अनोखा रिश्ता
पिछले दिनों ताइवान की राजधानी ताइपे में गोल्डन होर्स अवॉर्ड कार्यक्रम में ताइवानी निर्देशक फ़ू युए को बेस्ट डॉक्युमेंट्री के लिए सम्मान मिला. अपने भाषण में फ़ू युए ने कहा कि वह चाहती हैं कि उनके देश ताइवान को स्वतंत्र देश के रूप में पहचाना जाए. इस घटना ने मानो चीन और ताइवान के रिश्तों की दुखती रग पर हाथ रख दिया. उनका यह कहना था कि चीन से आई हस्तियों ने इसका विरोध किया और कुछ लोग कार्यक्रम से चले गए. कुछ ने कार्यक्रम में ही 'चीनी ताइवान' के नारे लगाए यानी ताइवान को चीन का हिस्सा बताया गया. बाद में ताइवान की प्रधानमंत्री साई इंग-वेन ने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपने देश की निर्देशक के भाषण का बचाव किया और कहा कि हम नहीं मानते कि ताइवान 'चीनी ताइवान' है. इसके बाद से ताइवान और चीन के बीच तनाव पैदा हो गया है. क्या है विवाद की वजह 'पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना' और 'रिपब्लिक ऑफ़ चाइना' एक-दूसरे की संप्रभुता को मान्यता नहीं देते. दोनों खुद को आधिकारिक चीन मानते हुए मेनलैंड चाइना और ताइवान द्वीप का आधिकारिक प्रतिनिधि होने का दावा करते रहे हैं. जिसे हम ची...